सिकल सेल
राष्ट्रीय सिकलसेल अनेमिया निर्मुलन मिशन
- सिकलसेल आजार हा गंभीर स्वरुपाचा अनुवंशिक असुन या आजारामध्ये लाल रक्तपेशी मध्ये असामान्य हिमोग्लोबिन एस (एचबीएस) असते. त्यामुळे अशा पेशी आपला गोल आकार बदलुन कोयत्याच्या आकाराच्या होतात. साधारण रक्तपेशी हया गोल आकाराच्या असतात आणि त्या रक्तवाहिन्यांमधुन शरीराच्या सर्व भागांपर्यंत सहज ऑक्सीजन वाहुन नेतात. सिकलसेल असलेल्या रक्तपेशी रक्तवाहीन्यांमधुन सहज वाहून जाऊ शकत नाही व या रक्तपेशी घट्ट आणि चिकट असतात, त्या रक्तवाहीन्यांमध्ये अडकुन हातपाय व महत्वाच्या अवयवांना रक्त पूरवठयामध्ये अडथळा निर्माण करतात.त्यामुळे तीव्र वेदना, गंभीर संसर्ग व महत्वाचे अवयव निकामी होण्याचा धोका निर्माण होतो.
- सामान्य लोकांच्या तुलनेत आदिवासी लोकसंख्येमध्ये सिकलसेलचे प्रमाण अधिक आढळून आले आहे. सिकलसेल रोगाच्या लक्षणावर उपचार उपलब्ध आहे पंरतू त्याचे समूळ उपचार उपलब्ध नाहीत.
- सिकलसेलचे प्रकार:
- सिकलसेल वाहक -एचबीएस ४०% पेक्षा कमी ( या व्यक्ती बऱ्यापैकी निरोगी आहेत परंतु पुढील पिढीमध्ये रोगाच्या प्रसारासाठी जबाबदार आहेत )
- सिकलसेल रोग/पीडित – एचबीएस ४०% पेक्षा जास्त असते व या रुग्णांना जंतू संसर्ग, सांधेदुखी, तीव्र वेदना होऊन महत्वाचे अवयव निकामी होण्याचा धोका निर्माण होतो.
- राज्यात राष्ट्रीय सिकलसेल अनेमिया निर्मुलन मिशन राज्यातील २१ जिल्हयात जुलै २०२३ पासून सर्व आदिवासी जिल्हयासह ठाणे, नाशिक, नंदुरबार, अमरावती, गोंदिया, गडचिरोली, पालघर, नागपूर, वर्धा, चंद्रपूर, भंडारा, यवतमाळ, धुळे, जळगाव, बुलढाणा, नांदेड, वाशिम, अकोला, छत्रपती संभाजी नगर, रायगड आणि हिंगोली या जिल्ह्यांत राबविण्यात येत आहे.
- केंद्रशासनामार्फत सिकलसेल मिशन कार्यक्रम राबविण्यात येत असून ज्याद्वारे २०४७ पर्यंत सिकलसेल आजाराचे संमूळ उच्चाटन करण्याचा उद्देश आहे. सन २०२३-२५ मध्ये ० ते ४० वयोगटातील ६३ लाख सिकलसेल स्क्रिनिंगचे लक्ष्य दिले आहे. सद्यस्थितीत अंदाजे ५२ लक्ष ( ८२ टक्के ) सिकलसेल तपासणी उदिष्ट पुर्ण झाले आहे.
- केंद्रशासनाने राष्ट्रीय सिकलसेल रोग नियंत्रण कार्यक्रमाचे पोर्टल चालू केले असून त्यामध्ये सिकलसेल तपासणी अहवाल मोबाईल अँप व्दारे भरला जातो.
- सदर जिल्हयातील स्क्रिनींग, उपचार व जनजागृती करण्याकरीता कार्यक्रमांतर्गत जिल्हा सिकलसेल समन्वयक, सिकलसेल समुपदेशक, प्रयोगशाळा तंत्रज्ञ, तालुका सिकलसेल सहाय्यक ही मनुष्यबळ मंजुर आहे.
- कार्यक्रमाची उद्दिष्टे:
- सिकलसेल आजाराचा पुढील पिढीत प्रसार आणि त्याचे प्रतिबंध याबाबत ( समुपदेशन आणि आयईसी द्वारे ) माहिती आणि जनजागृती करणे.
- प्राथमिक आरोग्य केद्र/ ग्रामीण/ जिल्हा रुग्णालय येथे तपासणी, निश्चित निदान,उपचार आणि समुपदेशनाची सुविधा उपलब्ध करुन देण्यात आली आहे.
- सिकलसेल रुग्ण व वाहक यांचे एचपीएलसी द्वारे निश्चित निदान करणे.
- रुग्णांचे जीवनमान सुधारण्यासाठी नियमित उपचार देणे. ( हायड्रॉक्सीयुरिया आणि आवश्यकतेनूसार रक्त संक्रमण करणे )
- सिकलसेल वाहक व रुग्ण यांचे विवाहपुर्व समुपदेशन करणे.
- सिकलसेल रोगाचा नवीन जन्म टाळण्यासाठी संशयित गरोदर मातांचे (लक्ष्य गट) प्रसुतीपूर्व निदान करणे.
- सिकलसेल रोग नियंत्रण कार्यक्रमांतर्गत खालील सेवा पुरविल्या जातात
- स्क्रीनिंग चाचणी म्हणून मोफत सोल्यूबिलिटी चाचणी.
- एचएलएल द्वारे सिकलसेल निश्चित निदानासाठीचीएचपीएलसी तपासणी करण्यात येते.
- समुपदेशन (रोगाचा प्रसार, प्रतिबंध, निदान आणि व्यवस्थापन ) करण्यात येते.
- रोगप्रतिबंधक आणि लक्षणात्मक उपचार दिले जातील (जसे हायड्रोक्सीयुरिया आणि फॉलिक ऍसिड)
- हायड्रॉक्सीयुरिया वरील रुग्णांची नियमित (सीबीसी, एलएफटी, केएफटी) तपासणी करण्यात येते
- गरजेनुसार सिकलसेल पीडित व्यक्तीला मोफत रक्त संक्रमण करण्यात येते.
- प्रसुतिपूर्व गर्भजल तपासणी उपलब्ध करुन देण्यात आली आहे.
- संजय गांधी निराधार योजना जीआर दिनांक ०३ नोव्हेंबर २०१८ मध्ये रु. सिकलसेल रुग्णांना
रु. १०००/- मासिक आधार म्हणून दिले जाईल.
- एमजेपीजेवाय/पीएमजेवाय मध्ये सिकलसेल रुग्णास उपचाराची सुविधा उपलब्ध करुन देण्यात आली आहे.
- दरवर्षी १९ जून रोजी सिकलसेल दिन साजरा करण्यात येतो. तसेच ११ डिसेंबर ते १७ डिसेंबरपर्यंत सिकलसेल सप्ताह साजरा केला जातो.
अ.क्र | जिल्हा | प्रा.आ.कें | ग्रा/उप जिल्हा रुग्णालय | जिल्हा रुग्णालय | स्त्री रुग्णालय/ मल्टी स्पेशालीटी रुग्णालय | वैद्यकिय महाविद्यालय |
---|---|---|---|---|---|---|
१ | ठाणे | ३३ | ८ | १ | 0 | १ |
२ | पालधर | ४६ | १२ | 0 | 0 | 0 |
३ | नाशिक | १०४ | २८ | १ | १ | 0 |
४ | नंदूरबार | ५८ | १४ | १ | 0 | 0 |
५ | अमरावती | ५६ | १३ | १ | १ | 0 |
६ | गोंदिया | ४० | ११ | १ | १ | 0 |
७ | गडचिरोली. | ४७ | १२ | १ | 0 | 0 |
८ | नागपूर | ४९ | ११ | 0 | १ | २ |
९ | वर्धा | २७ | ८ | १ | 0 | 0 |
१0 | चंद्रपूर | ५८ | १३ | १ | 0 | 0 |
११ | भंडारा | ३३ | ९ | १ | 0 | 0 |
१२ | यवतमाळ | ६३ | १७ | 0 | 0 | १ |
१३ | धुळे | ४१ | ८ | १ | 0 | १ |
१४ | जळगाव | ७७ | २० | १ | 0 | 0 |
१५ | नांदेड | ६५ | १६ | १ | 0 | १ |
१६ | वाशिम | २५ | ६ | १ | 0 | 0 |
१७ | अकोला | ३० | ६ | 0 | १ | १ |
१८ | बुलढाणा | ५२ | १५ | १ | 0 | 0 |
१९ | छत्रपती संभाजी नगर | ५० | १३ | 0 | 0 | १ |
२0 | रायगड | ५२ | १३ | १ | 0 | 0 |
२१ | हिंगोली. | २४ | ४ | १ | 0 | 0 |
एकुण | १०३० | २५७ | १६ | ५ | ८ |
अ.क्र. | जिल्हा | जिल्हा सिकलसेल समन्वयक | एकूण प्रयोगशाळा तंत्रज्ञ | एकूण तालुका सिकलसेल सहाय्यक | एकूण जिल्हा सिकलसेल समुपदेशक |
---|---|---|---|---|---|
१ | ठाणे | १ | २ | २ | २ |
२ | पालधर | १ | ३ | 0 | १ |
३ | नाशिक | १ | ४ | ७ | २ |
४ | नंदूरबार | १ | ४ | ३ | १ |
5 | अमरावती | १ | ७ | ७ | २ |
६ | गोंदिया | १ | ५ | 0 | २ |
७ | गडचिरोली | १ | ७ | 0 | १ |
८ | नागपूर | १ | ६ | 0 | १ |
९ | वर्धा | १ | ५ | 0 | १ |
१0 | चंद्रपूर | १ | ५ | 0 | १ |
११ | भंडारा | १ | ६ | 0 | १ |
१२ | यवतमाळ | १ | ५ | ८ | 0 |
१३ | धुळे | १ | ४ | २ | १ |
१४ | जळगाव | १ | ७ | ७ | १ |
१५ | नांदेड | १ | ६ | ८ | 0 |
१६ | वाशिम | १ | २ | ३ | १ |
१७ | अकोला | १ | ३ | ३ | 1 |
१८ | बुलढाणा | १ | ५ | ६ | १ |
१९ | छत्रपती संभाजी नगर | १ | ४ | ४ | 0 |
२० | रायगड | १ | ४ | ४ | १ |
२१ | हिंगोली | १ | २ | २ | १ |
एकूण | २१ | ९६ | ६६ | २२ |
एस. क्र. | जिल्ह्याचे नाव | स्क्रीनिंग | नकारात्मक | वाहक | रोग |
---|---|---|---|---|---|
१ | नाशिक | ४६७४५० | ४६४९७९ | ३२१ | ५६ |
२ | नागपूर | ४०७७७६ | ३६२५३९ | ३६६१२ | ३०२४ |
३ | अमरावती | २९९०६७ | २८२३१४ | ९५३१ | १५०९ |
४ | चंद्रपूर | २८७४०६ | २८१५९७ | ३९८९ | ९२३ |
५ | यवतमाळ | ३७०४७९ | ३५७५६९ | ३५६७ | १९३७ |
६ | ठाणे | २७६७४४ | २३९९७४ | २४४४७ | ४६४५ |
७ | गडचिरोली | २२३८१२ | २२१५६० | १४१६ | १६८ |
८ | पालघर | २०३४२३ | २०२६८६ | १६२ | ११७ |
९ | नंदुरबार | ३०४५५६ | २८३१४७ | १२८२३ | १३९३ |
१० | जळगाव | २००४३३ | १९४४२२ | ९५९ | १३१ |
११ | नांदेड | २५४३४७ | २४८३०० | १७७० | १०५ |
१२ | अकोला | २०४९०४ | २०४१५४ | ४०३ | ७५ |
१३ | वाशिम | १७४१३७ | १७३३५८ | ४६४ | २३ |
१४ | छत्रपती संभाजी नगर | १९३९९२ | १९२८४९ | ३४० | ४३ |
१५ | धुळे | २२०८२७ | २१८९८९ | ६३१ | १२१ |
१६ | रायगड | १९६६३२ | १७८१७३ | १४४९९ | ९५३ |
१७ | भंडारा | २२३१८६ | २१९६६३ | ८२६ | १२१ |
१८ | गोंदिया | १७२७३० | १७०७८६ | १०६२ | ३०७ |
१९ | वर्धा | १८४७१७ | १७२३५३ | ५२८८ | १५९८ |
२० | बुलढाणा | २१६०४३ | १९५९११ | ७२१९ | १३८९ |
२१ | हिंगोली | १७३८६७ | १४६२०५ | २१६५१ | १०१० |
एकूण | ५२५६५२८ | ५०११५२८ | १४७९८० | १९६४८ |
हिमोफिलीया कार्यक्रम
- हिमोफिलीया आजार हा गंभीर स्वरुपाचा अनुवंशिक आजार असुन त्यामध्ये रक्तातील रक्त गोठण्याच्या घटकांची कमतरता असते.
- राज्यात सद्यस्थितीत अंदाजे ५००० हिमोफिलीया रुग्ण आहेत.
- या रुग्णांच्या उपचारासाठी सर्व जिल्हयामध्ये प्रत्येकी एक प्रमाणे ( एकुण ३६ ) डे –केअर सेंटर्स कार्यान्वित करण्यात आले आहेत. सदर रुग्णांच्या उपचारसाठी हेमोफिलिक विरोधी घटक (घटक सातवा, आठवा,नव्वद,एफईआयबीए)
हिमोफिलीया चे प्रकार | हिमोफिलीया ए (फॅक्टर आठवाची कमतरता) | हिमोफिलीया बी (फॅक्टर नव्वद ची कमतरता) | हिमोफिलीया इनहिबीटर (फॅक्टर VII व एफईआयबीए ची आवश्यकता ) |
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रुग्ण संख्या | ४२०० | ५५० | २६० |
थॅलेसेमिया
- थॅलेसेमिया आजार हा गंभीर स्वरुपाचा अनुवंशिक आजार असुन यामध्ये रक्तातील हिमोग्लोबिन तयार होण्याचे प्रमाण अत्यल्प असते त्यामुळे या रुग्णांचे हिमोग्लोबिनचे प्रमाण खुप कमी असते.
- सदर रुग्णांना नियमितपणे रक्त संक्रमणाची आवश्यकता असते.
- राज्यातील सर्व रक्तपेढण्यांमधुन ( एकुण ३९३ रक्तपेढयांमधुन ) या रुग्णांना मोफत रक्तपुरवठा केला जातो.
- सद्यसिथतीत या आजाराचे राज्यात अंदाजे १०००० रुग्ण आहेत.
- सदर रुग्णांना नियमित रक्त संक्रमण जिल्हा रुग्णालय / वैद्यकीय महाविद्यालयात करण्यात येते.
लाभार्थी:
नागरिक
फायदे:
वरीलप्रमाणे
अर्ज कसा करावा
ऑनलाइन